Tuesday, 27 September 2011

कभी कभी कुछ तो...




कभी कभी कुछ तो 
कहने का मौका दिया करो..
 चुप रहकर मेरी ज़बाँ पर 
ताले ना लगा दिया करो ...

चाहती हूँ कर दूँ हर राह 
आसान तुम्हारी..
बस तुम यूँ ना मेरी राहें
मुश्किल किया करो...

Saturday, 17 September 2011

♥ कुछ है जो छूटता ही नहीं…♥


कितनी भी कर लो कोशिश तुम, 
कुछ निशानों पर नहीं चलता बस वक़्त का…

तुम्हारा दामन ना सही, 
लेकिन बहुत कस के पकड़ा है मैंने वो पहलू वक़्त का…

Saturday, 10 September 2011

कौन हो तुम, कहाँ हो तुम, मैं जानूँ ना...




कौन हो तुम, कहाँ हो तुम 
मैं जानूँ ना...

नहीं हो तुम, ना आओगे कभी
 ये मानूँ ना...

प्यार है नाम तुम्हारा
बस इतना ही तुम्हें जाना
और है यही सुना...

जोड़ कर और घटा कर
एक एक खट्टा-मीठा-कड़वा एहसास,
आखिर एक सपना सा है बुना...

बसी तो है एक तस्वीर मेरे मन में
पर कैसे दिखते हो तुम ये जानूँ ना...
रूठ कर लौट ना जाना जानेजाना
अब अगर मैं पहचानूँ ना…

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